Tuesday 16 October 2012

Krantiveer Bhagat Singh-Prabhat Khabar review

http://epaper.prabhatkhabar.com/epapermain.aspx?queryed=9&eddate=09%2f30%2f2012

प्रो फेसर चमन लाल को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने भगत सिंह की परंपरा को किंवदंती बनने के खतरे से बाहर निकालकर तथ्यात्मक धरातल पर लाने का ऐतिहासिक काम किया है. अपने नायकों के जीवन को किंवदंती में तब्दील कर देना हमें भले प्रभाता हो, लेकिन यह समाज को बहुत लाभ नहीं पहुंचाता. बल्कि इसकी जगह खतरा इस बात का रहता है कि समाज के अलग-अलग समूह नायकों का इस्तेमाल अपने-अपने तरीके से करें. और यह अकसर नुकसानदेह ज्यादा होता है. भगत सिंह के जीवन, उनके विचारों को तथ्यात्मक विेषण की जमीन पर लाने के अपने अथक अभियान में जुटे प्रोफेसर चमन लाल ने अब भगत सिंह से संबंधित कुछ दुर्लभ और अप्राप्य सामग्रियों को क्रांतिवीर ‘भगत सिंह : ‘अभ्युदय’ और ‘भविष्य’’, नाम की किताब में संपादित किया है. यह किताब पाठकों को भगत सिंह के जीवन ही नहीं, उनके शहीद होने के बाद की राजनीतिक-वैचारिक बहसों के बीच भी ले जाती है. चमन लाल लिखते हैं, ‘हम सिर्फ नाम याद रखते हैं, काम नहीं. नामों के साथ जु.डे हुए उनके कामों को हम अकसर भूल जाते हैं..हम उन्हें अपने रंग में रंग देते हैं. भगत सिंह जैसे समाजवादी क्रांतिकारी को कभी डॉ हेडगेवार का ‘भगवाधारी शिष्य’ तो कभी ‘पीली पगड़ी’ और बम पिस्तौल वाला खालिस्तानी बना देते हैं.’ ऐसे में हकीकत ओझल हो जाती है और हाथ में बचती हैं, तो गढ.ी गयी कहानियां, उनकी मनमानी व्याख्याएं.

संपादक के शब्दों में प्रस्तुत पुस्तक आजादी की लड़ाई, खासकर इंकलाबी नौजवानों की लड़ाई की हकीकत की तलाश की कोशिश का नतीजा है. किताब में उस दौर की दो प्रमुख पत्रिकाओं ‘अभ्युदय’ और ‘भविष्य’ में छपी भगत सिंह से संबंधित सामग्री को शामिल किया गया है. इस सामग्री को पढ.ना भारत की आजादी की लड़ाई को ठीक से समझने की दृष्टि से बेहद जरूरी है. यह सामग्री स्वतंत्रता संघर्ष का प्रति-इतिहास या कहें सब-आल्टर्न इतिहास रचती है. ‘अभ्युदय’ ने भगत सिंह के मुकदमे और फांसी के हालात पर भरपूर सामग्री छापी. 8 मई 1931 का इसका अंक ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जब्त कर लिया गया था. 2 अक्तूबर,1930 को गांधी जयंती पर रामरख सिंह सहगल ने ‘भविष्य’ साप्ताहिक का प्रकाशन शुरू किया. पहले ही अंक में भगत सिंह और उनके साथियों पर सामग्री प्रकाशित कर ‘भविष्य’ ने सनसनी फैला दी. ‘भविष्य’ के अंकों में भगत सिंह की फांसी के बाद के हालात का जीवंत चित्रण हुआ.

किताब का पहला अध्याय सत्यभक्त द्वारा लिखित भगत सिंह की जीवनी है. यह भगत सिंह के व्यक्तित्व और उनके कायरें को सम्यक नजरिये से जानने के लिए काफी मूल्यवान है. अभ्युदय और भविष्य के पत्रों से गुजरते हुए न सिर्फ भगत सिंह की शख्सीयत से रूबरू हुआ जा सकता है, बल्कि उस समय की आवाज की भी शिनाख्त की जा सकती है. अ™ोय के शब्दों में दिल्ली षड्यंत्र केस, चांद का फांसी अंक, रामरख सिंह के डायरी के पóो, भगत सिंह के बयान और उनकी कविताएं, इस किताब को एक बेहद स्मरणीय अनुभव में तब्दील कर देती हैं. निस्संदेह यह किताब इतिहास को नये सिरे से समझने और विेषित किये जाने की जरूरत को बयां करती है.
     

Tuesday 2 October 2012

News Items on Bhagat Singh birth anniversary Lahore-28th September 2012

http://blogs.hindustantimes.com/separated-at-birth/2012/10/01/lahore-finds-space-for-bhagat-singh%E2%80%99s-legacy/










Translation of my book on Bhagat Singh in Bengali

Presenting book to Mahashweta Devi in Kolkata in May 2012

Message from Guyana President Donald Ramotar on Bhagat Singh birth anniversary

The most pleasant message in response to Bhagat Singh birth anniversary being celebrated in Lahore,received this morning from President of Guyana, Donald Ramoutar made me forget my fever!President Donald is carrying forward the revolutionary Marxist and democratic tradition initiated by Dr. Chedi Jagan, who fought for Guyana's freedom from British colonialism, faced dismissal, later remained President of Guyana for long.Later his wife Dr. Janet Jagan became President. Dr. Jagan had his roots from Bihar in India and his book-'The West on Trial' is considered a Marxist classic. Donald Ramoutar, also ,from Indian ancestral background, worked with both Dr. Jagan's as General Secretary of Progressive People's Party(PPP) of Guyana. I met him in 2011, before his election as President of Guyana, in PPP office, a simple and hard working man. He is an unusual personality that can be known from his message also, that despite holding highest office in his country with lot of problems, he is so sensitive to respond to such mails of greetings on Bhagat Singh birth anniversary. I wish success to President Donald Ramoutar in his efforts to make Guyana, a truly democratic society!

"I wish to congratulate you for the work you are doing to keep the memory of one of India and the world most revolutionary of men.

keep up the good work.